मर्दों की इस तानाशाह दुनिया मैं
मर्दों की इस तानाशाह दुनिया मैं,
दरवाजे खोलो और
दूर तक देखो खुली हवा मैं ,औरतें
जहाँ भी हैं ,जैसी भी हैंपुरी शिद्दत के साथ मौजूद हैं
-वे हमारे बीच अन्धेरें मैं रौशनी की तरह हैं
औरतें हंसती हैं खिलखिलाती हैं
खुशियाँ बरसाती .....छोटे-छोटे उत्सव बन जाती हैं औरतें
औरतें रोती हैं सिसक-सिसक कर जब कभी,
अज्ञात दारुण दुःख मैं भीग जाती है ये धरती,
औरतें हमारा सुख है-औरतें हमारा दुःख हैं
हमारे दुःख-सुख की गहरी अनुभूति हैं
ये औरतें,जड़ से फल तक,
-डाल से छाल तक
वृक्षों -सी परमार्थ मैं लगी हैं -ये औरतें,
युगों से कूटी,पीसी,छीली-सूखी और सहेजी जा रही हैं
असाध्य रोगों की दवाओं की तरह
सौ-सौ खटरागों मैं खटती हुई,
रसोईघरों की हदों मैं
औरतें गम गमाती हैं मीट-मसलों -की तरह
सिलबत्तों पर खुशी-खुशी पोदीना प्याज सी
पिस जाती है औरतें
चूल्हे पर रोटी होती है औरतें
यह क्या कम बड़ी बात है
यह क्या कम बड़ी बात है
लाखों-करोड़ों की भूख-प्यास हैं औरतें
प्रथ्वी सी बिछी हैं औरतें
आकाश सी तनी हैं औरतें,
जरूरी चिठियों की तरह रोज पढ़ी जाती हैं औरतें,
तार मैं पिरो दी जाती हैं आज भी औरतें,
वक्त जरूरत इस तरह,बहुत काम आती हैं औरतें,
शोर होता हैं जब
औरतें चुपचाप सहती हैं ताप को
औरतें चिल्लातीं हैं जब कभी
बहुत कुछ कहती हैं आपको,
औरतों को समझने के लिए ताना शाहों
पहले दरवाजें खोलों
और दूर तक देखो खुली हवा मैं,
.अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर ....थोडा देर से ...किंतु शुभकामनाओं के साथ...भाई अजामिल की कविता ...जो बानगी की सरलता के कारण मेरी पसंदीदा है ....इम्फाल- शिलोंग से लौटकर....
10 टिप्पणियां:
aurton ke dard ko bahut achchi tarah se saheja hai...........sach mardon ki tanashah duniya mein aurat ka astitv ek khelne khane ki vastu ke alawa kuch nhi hai............darwaze to kholne honge.........har jharokhe ,khidki se hawa aane deni hogi tabhi uska astitv aakar payega.
औरतें चुपचाप सहती हैं ताप को
औरतें चिल्लातीं हैं जब कभी
बहुत कुछ कहती हैं आपको,
औरतों को समझने के लिए ताना शाहों
पहले दरवाजें खोलों
और दूर तक देखो खुली हवा मैं,
बहुत बढ़िया कविता पढ़वाई आपने बेहतरीन सरल लफ्जों में गहरी बात ..बहुत खूब
बेहतरीन रचना..
महिला दिवस की अबसे बधाई.
दरवाजें खोलों और दूर तक देखो के साथ साथ हम तो कहेंगे कि दिल के दरवाज़े भी खोल दो और अन्दर झांक कर देखो. अजामिल जी कि कविता से परिचित हो लिए. आभार.
bahut umda lekh.
बहुत ही बेहतरीन रचना है
एक बहुत गहरी कविता है। बहुत पसन्द आई।
घुघूती बासूती
बेहतरीन रचना ......शाशाक्त, सोचने को मजबूर करती हुयी
wow ..too good..
तानाशाह दुनिया
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