शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025

सिर्फ विचारधारा से नहीं, संवेदना और विवेक से ही समाज बचेगा।

एकतरफा सोच, चाहे वह किसी भी ओर झुकी हो, सच्चाई और न्याय दोनों के लिए बाधा बनती है।
और सोशल मीडिया — यह शक्ति भी है और ज़िम्मेदारी भी।
अब यह हम पर है कि हम इसका उपयोग अंधकार फैलाने के लिए करते हैं या उजाला लाने के लिए।


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