tag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post3560635132690923326..comments2023-10-03T08:14:01.037-07:00Comments on ताना-बाना: कुछ आहटें बाहर है ,कुछ दस्तकें भीतर,समय के सबसे विध्वंसक क्षणों मेंअपनी गहरी प्रार्थनाओं मैं ....,विधुल्लताhttp://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-83808047760815611662009-05-16T03:57:00.000-07:002009-05-16T03:57:00.000-07:00kash ki hindi lipi mai likh pati! gahre bhavon ki ...kash ki hindi lipi mai likh pati! gahre bhavon ki sahaj saral abhivyakti. padh ker mujh se kai logo ko laga hoga ki ye to unhi ke dil ki bat hai jise shabdo ke abhav mai aaj tak kah nahi paye<br />badhai aashish u hi bhavon ko shabd deti raho.madhulikanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-51187612425151400392009-05-08T22:03:00.000-07:002009-05-08T22:03:00.000-07:00बहुत संवेदनशील रचना है, बधाई स्वीकार करें..बहुत संवेदनशील रचना है, बधाई स्वीकार करें..Rajat Narulahttps://www.blogger.com/profile/18074987075863492261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-88558612787392646562009-05-06T10:17:00.000-07:002009-05-06T10:17:00.000-07:00अच्छी अभिव्यक्ति जो और अधिक अच्छी हो सकती है.अच्छी अभिव्यक्ति जो और अधिक अच्छी हो सकती है.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-16881594122947655732009-05-06T01:58:00.000-07:002009-05-06T01:58:00.000-07:00और मैं तैयार हूँ ,तुम्हारा हाथ थाम लेने को ,इसी क्...और मैं तैयार हूँ ,तुम्हारा हाथ थाम लेने को ,इसी क्षण ,धैर्य और उत्ताप के संयुक्त क्षणों मैं ये कौनसा मुकाम है ,फलक नही ,जमी नही ,के शब् नही,सहर नही, के गम नही,खुशी नही ,कहाँ पे लेके आ गई ..हवा तेरे दयार की ....<br />bhut khubsurat abhivykti.<br />abharशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-33272545957744346462009-05-03T06:01:00.000-07:002009-05-03T06:01:00.000-07:00आप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।आप मेरे ब्लाग
पर आएं,आ...आप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।आप मेरे ब्लाग <br />पर आएं,आप को यकीनन अच्छा लगेगा।प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-43137503550221901882009-05-02T13:13:00.000-07:002009-05-02T13:13:00.000-07:00Pahli baar hi aapke blog par aayi hoon aur aapki r...Pahli baar hi aapke blog par aayi hoon aur aapki rachna padhkar lagta hai ab aate rahna hogaसुरभिhttps://www.blogger.com/profile/10076357505433580906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-58616466042756648052009-05-01T03:24:00.000-07:002009-05-01T03:24:00.000-07:00नमस्ते!
इस पोस्ट के लिये बहुत आभार....
एक श्वेत श्...नमस्ते!<br />इस पोस्ट के लिये बहुत आभार....<br />एक श्वेत श्याम सपना । जिंदगी के भाग दौड़ से बहुत दूर । जीवन के अन्तिम छोर पर । रंगीन का निशान तक नही । उस श्वेत श्याम ने मेरी जिंदगी बदल दी । रंगीन सपने ....अब अच्छे नही लगते । सादगी ही ठीक है ।mark raihttps://www.blogger.com/profile/11466538793942348029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-19328988515531778602009-04-29T21:39:00.000-07:002009-04-29T21:39:00.000-07:00कविता एक विस्तृत केनवास पर यहाँ वहां फैले रंगों की...कविता एक विस्तृत केनवास पर यहाँ वहां फैले रंगों की ऐसी अनुभूति रचती है जो एकाकार हो के भी व्यापक हुई जाती है. मछलीघर के लिए भी आभार मन की तरंगें किसी का अनुसरण करने लगती है पहले अरुणा के यहाँ अब आपके भी, सुन्दर लग रहा है.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-9986005934676971192009-04-29T10:44:00.000-07:002009-04-29T10:44:00.000-07:00काफी सुन्दर रचना है........और विधू जी, आपके फिशेस ...काफी सुन्दर रचना है........और विधू जी, आपके फिशेस बढ़िया हैं!ARUNAhttps://www.blogger.com/profile/00192544996428148809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-80047748373767147532009-04-29T10:19:00.000-07:002009-04-29T10:19:00.000-07:00भाई अली जी,श्यामल जी ,राम पुरिया जी ,अनिल्कांत जी,...भाई अली जी,श्यामल जी ,राम पुरिया जी ,अनिल्कांत जी,मोना जी ,स्वपन जी आप सभी का शुक्रिया ,डॉ अनुराग जी .आप लैण्ड स्केप जरूर भेजें ,नेकी और पूछ पूछ ...प्रिय रंजना कल जब नेट पर अपनी शिलोंग यात्रा के फोटो ग्राफ देख रही थी ....तभी ये कविता यकायक बन गई ...इसमें सुधार की गुंजाइश थी पर इसे सहज भाव के साथ ब्लॉग पर लगाने का मन बन गया अब जैसी भी है आप सभी के सामने हैं ...जबकि बहुत दिनों से एक कहानी लिख रही हूँ ....जो पूरी नही हो पा रही है ...कल अहमदाबाद जा रही हूँ ६ को लौटने पर ही....विधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-17194078771027537192009-04-29T04:02:00.000-07:002009-04-29T04:02:00.000-07:00समय के सबसे विध्वंसक क्षणों मैं,
अपनी गहरी प्रार्थ...समय के सबसे विध्वंसक क्षणों मैं,<br />अपनी गहरी प्रार्थनाओं मैं<br />किस तरह पवित्र और सुरक्षित रखा है मैंने<br />दुनिया भर के लेखे-जोखे .से अलग ...<br />अलग वर्ण -शब्दों मैं<br />अभिनव रंगों मैं ,<br />सबसे बचाकर,अनहद मैं लीन-तुम्हे।<br /><br />अदभुत ,और गहरे अर्थ ..सूफी भाव लिए हैं यह रचना ..कुछ पा के फिर उसको समेट लेने की तीव्र इच्छा .. न जाने आपने इसको क्या सोच कर लिखा होगा ..पर हर बार पढने पर इसने मुझे वही अर्थ दिया जो मेरा दिल समझना चाहता था ...संजो के रख ली है आपकी यह रचना ..शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-23658201909500805902009-04-29T01:00:00.000-07:002009-04-29T01:00:00.000-07:00सोचता हूँ कुछ लेन्द्स्स्केप मेल कर दूँ आपको....यकी...सोचता हूँ कुछ लेन्द्स्स्केप मेल कर दूँ आपको....यकीकन कई कविताये मिलेगी..डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-30899960301817302932009-04-28T23:54:00.000-07:002009-04-28T23:54:00.000-07:00sunderabhivyakti.sunderabhivyakti.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-84532118591273000712009-04-28T23:08:00.000-07:002009-04-28T23:08:00.000-07:00दुनिया भर के लेखे-जोखे .से अलग ...
अलग वर्ण -शब्दो...दुनिया भर के लेखे-जोखे .से अलग ...<br />अलग वर्ण -शब्दों मैं <br />अभिनव रंगों मैं ,<br />सबसे बचाकर,अनहद मैं लीन-तुम्हे।<br /> रहस्यमयी आवरण में लिपटी अंतर्जगत को छूती कविता ,शब्द मानों रोम -रोम का स्पर्श कर रहे हों .मोना परसाईhttps://www.blogger.com/profile/12594385907790833725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-77208243280781837212009-04-28T22:19:00.000-07:002009-04-28T22:19:00.000-07:00आपकी रचना दिल में घर कर गयी ...बहुत ही प्रभावशाली ...आपकी रचना दिल में घर कर गयी ...बहुत ही प्रभावशाली ....<br /><br /><A HREF="http://meraapnajahaan.blogspot.com/2009/04/blog-post_27.html" REL="nofollow"> मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति </A>अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-84857678099705927862009-04-28T20:36:00.000-07:002009-04-28T20:36:00.000-07:00पीली धूप मैं खिले ,सफेद फूलों की मानिंद,
और मैं तै...पीली धूप मैं खिले ,सफेद फूलों की मानिंद,<br />और मैं तैयार हूँ ,तुम्हारा हाथ थाम लेने को ,<br />इसी क्षण ,धैर्य और उत्ताप के संयुक्त क्षणों मैं<br /><br />बहुत लाजवाब रचना. चित्र भी अति मनमोहक है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-3352432417218547422009-04-28T18:58:00.000-07:002009-04-28T18:58:00.000-07:00भीतर दस्तक दे रहा न जाने वह कौन।
रचना में जो भाव ह...भीतर दस्तक दे रहा न जाने वह कौन।<br />रचना में जो भाव है कर देता है मौन।।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5392488104210645802.post-1391787365705212532009-04-28T17:26:00.000-07:002009-04-28T17:26:00.000-07:00बेहद खूबसूरत !बेहद खूबसूरत !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.com